हार्ट ट्रांसप्लांट ,ह्रदय प्रत्या रोपण दे सकता है जीवन
By:- Pratima Tyagi
हमने लास्ट पोस्ट में बताया था की लड़कियों में हार्मोन्स की कमी के कारण और दोष आप जान सकते है लड़कियों में समय से पहले होने बाले हार्मोन्स का बदलाब की जानकारी पड़ने के लिए आप नीचे दिए गए लिंक पर किलिक करें।
हार्ट प्रत्यरोपण दे सकता हे जीवन
यदि किसी व्यक्ति का ह्रदय बिलकुल भी ठीक से काम नहीं रहा हो और व्यक्ति मौत के करिब हो तो ऐसे में हार्ट ट्रांसप्लांट के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचता इसके अतिरिक्त ह्रदय जन्म-जात दोष और बेहद गंभीर बीमारी की हालत में भी हार्ट ट्रांसप्लांट किया जा सकता है | हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद भी व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है |
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heart transplant |
कब जरुरी हे हार्ट ट्रांसप्लांट ?
यदि किसी व्यक्ति का ह्रदय अंतिम चरण में पहुंच गया हो, इस्कीमिक ह्रदय रोग (ischemic heart disease) कार्डियोम्योपथी (cardiyopathy),जन्मजात ह्रदय विकार (congenital heart disease) आदि |
* यदि किसी व्यक्ति में ह्रदय प्रत्यारोपण के बिना जीने की सम्भावना एक साल से ज्यादा न हो |
*व्यक्ति को ऐसी दूसरी परेशानिया न हो जिससे उसकी जिंदगी पे असर पड़े |
*यदि डॉक्टर को इस बात का पूरा विश्वास हो की उसके मरीज़ के हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद पहले क मुकाबले ज्यादा अच्छी ज़िंदगी जी सकता हे|
* कुछ केन्द्रो पर हार्ट ट्रांसप्लांट करने वाले मरीज़ो को सर्जरी से चार से छे महीने पहले धूम्रपान और एलकोहॉल का सेवन न करने की हिदायत भी दी जाती हे |
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HEART TRANCPLANT |
हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद
एक बार हार्ट ट्रांसप्लांट के दाब स्वास्थ की प्रक्रिया ह्रदय की बाकि प्रक्रियाओं की तरह ही चलती हे | इस सर्जरी के बाद आपको एक से दो हफ्ते अस्पताल में ही डॉक्टर की देख-रेख में ही बिताने होते हैं | इसके आलावा आपको और कितने दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ सकता है| यह आपके खुद के स्वास्थ पर और आपकी इस्थिति पर निर्भर करता हैं | अस्पताल में रहने के दौरान ही आप कार्डियक पुनर्वास कार्यक्रम शुरू कर सकते हे| इसके बाद जब डॉक्टर निश्चिंत हो जाएँ की आपके शरीर ने आपके ह्रदय को स्वीकार कर लिया है और अब वह आपके साथ सक्रिय हो रहा हे तो डॉक्टर आपको घर जाने की इजाज़त दे देंगे | इसके बाद आप ख़ुशी ख़ुशी घर जा सकते हैं |
जोखिम या दुष्प्रभाव
*शरीर द्वारा किसी और के ह्रदय को अस्वीकार कर देना |
*कही ह्रदय को अस्वीकार तो नहीं कर दिया गया ह इसके लिए डॉक्टर को लगातर मरीज़ के के ह्रदय के ऊतकों की (बायोप्सी) इकोकार्डियोग्राफी (ECG, EKG) या रक्त की जांच द्वारा करनी पड़ती है | इस स्थिति में यदि शरीर ह्रदय को स्वीकार नहीं कर पाता तो मरीज़ को नियमित तौर पर इम्यूनोसप्रेसेंट्स या स्टेरॉयड (IMMUNOSUPPRESSANTS OR STEROIDS) दवाई का प्रयोग करना पड़ता है | इन दवाइयों के जोखिम भी बहुत गंभीर हो सकते है |
* संक्रमण - इससे भी सावधानी बरतनी चाहिए | इन्फेक्शन से जान को खतरा भी होता है |
*मृत्यु - हार्ट ट्रांसप्लांट अगर सूट न हो तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है |
*धमनियों का रुकना यानि धमनिकलकाठिन्य (ATHEROSCLEROSIS) जो देने वाले के ह्रदय से ही शरू हो सकता ह यह आम तौर पर एक समस्या है |
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HEART SARJARI KE BAAD |
सर्जरी के बाद रखें खास खयाल
हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद दिनचर्या में बदलाव करना आवशयक हो जाता है | सर्जरी के बाद आपको अपनी दवाई नियमित तौर पर लेनी होती हे नियमित रूप से जाचे करनी होती है जिससे पता चल सके की आपका ह्रदय सही से काम कर रहा हे या नहीं | आपको कबोहोत आराम और देखभाल की जरूरत होती है इसके साथ ही आप क्षमता के आधार पर अपने नियमित काम कर सकते है।
एक बार फिर एक नई पोस्ट के साथं फिर मुलाकात होगी तबतक के लिए नमस्कार।
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