How To Quit Smoking And Facts About Smoking
By Pratima Tyagi My Last Updets is 13-08-2018
नमस्कार दोस्तों में प्रतिमा त्यागी आपके साथं एक बार फिर एक नई जानकारी के साथं। हमने हमारी लास्ट पोस्ट में डयबिटिस के खतरे से डिल को कैसे बचाएं की जानकारी उपलब्ध करबाई थी। अगर आप हमारी पोस्ट पड़ना चाहतें है तो निचे किलिक कीजिये।
स्मोकिंग छोड़ना आसान नहीं है। क्योंकि आदत बनाना आसान है। पर उसको छोड़ना उतना की कठिन है. पर मनुष्ये चाहे क्या नहीं करसकता बस एक बिश्बास अपने अंदर होना चाहिए। एक अनुमान के अनुसार भारत में ४८% पुरुष और २०% महिलाएं तम्बाकू उत्पादों का उपभोग करतें है। .....
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स्मोकिंग छोड़ें |
बिभिन्न कारणों से लोग तम्बाकू और सिगरेट ,बीड़ी का सेबन करतें है। जैसे कभी स्ट्रेस कम करने के लिए तो कभी गुस्से में। परन्तु आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते की आप जितनी आसानी से करते हैं उसका अंजाम उतना ही या उससे अधिक भयानक हो सकता है। शोक में या गुस्से में और किशोर अबस्था में की हुई गलती आपकी जान भी ले सकती है. अब तो भारत सरकार ने भी तरह तरह से इस पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। तम्बाकू का नुक्सान एक समस्या नहीं कई समस्या लेकर आता है। अब आपको छोड़ने में कोई दिक्क्त नहीं होगी क्योंकि इसके लिए कई हेल्प लाइन नंबर सरकार द्बारा जारी किये गए है। और कई संस्था भी इसमें सहयोग कर्रहीं हैंब है।
तम्बाकू के शरीर पर दुष्प्रभाब :-
तम्बाकू का तांत्रिकाओं और मस्तिष्क चेतना पर प्रभाब पड़ता है। इसमें पाए जाने बाला निकोटिन मुंड में फेर बदल करने बाला तत्ब है। निकोटिन दिमाक में कुछ सेकेण्ड में पहुंच जाता है। जो थोड़ी देर के लिए अधिक सक्रिय महसूस कर बाता है इसका प्रभाब ख़त्म होने पर लोग थका हुआ महसूस करने लगते है। और अधिक निकोटिन लेना शुरू करदेते हैं। जिससे निकोटिन की आदत सी हो जाती है। इसी कारण् लोगों को तम्बाकू , सिगरेट छोड़ने में परेशानी आती है। उनका मन बार बार उन्ही चीजों का सेबन करने के लिए होता है। जिससे उन्हें दूर रहना चाहिए।
निकोटिन की आदत संघात्मक चेतना को कम करती जाती है। सयकोलॉजिकल डिपेंडेंसी में चिंतित, बेचैनी, उदास असहज महसूस करते हैं। जबकि फिजियोलॉजिकल डिपेंडेंसी में सिरदर्द ,नींद न आना , फ्रेश न हो पाना आदि कारन हैं।
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स्मोकिंग गलत है
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सांस की समस्या :-
जब धुएं में साँस लेने पर फेपड़ों को नुकसान पहुंचाने बाले पदार्थ हमारे शरीर में पहुँचने लगते हैं। यह बिभिन्न प्रकार की समस्याओं और संक्रमण जैसे क्रोनिक ब्रांकाइटिस फेफड़ों की सूजन, फेफड़ों में क्रोनिक आब्स्रटरेक्टिबी पल्मोनरी डिजीज और फेफड़ों के कैंसर पैदा करते हैं। तम्बाकू साँस की परेशानी का कारण बनता है. जिन बच्चों के माता पिता ध्रुब पान करते हैं उनमे खांसने , घरघराहट, अस्थमा, निमोनिया और ब्रॉन्काइटिस की आशंका अधिक।
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smoking is not good for helth |
ह्रदिय रोगों को आमंत्रण
ध्रूमपान पुरे ह्रदय प्रणाली को नुक्सान पहुंचाती है। तम्बाकू रक्त बहिकाओं के सिकुड़ने और चौंक होने का कारन बनती है। जो रक्त के प्रबाह को बाधित करता है। रक्त बहिकाओं को नुक्सान पहुंचने के साथं निकोटिन धमनियों के रोगों का कारन बनती हैं। रक्त की दीवारे सिकुड़ने लगती हैं जिसका पता हमे बोहोत बादमे चलता है जिसके कारन हम अपने आपको सँभालने का मौका भी कम दे पाते हैं। मेरे दोस्तों आप अपने जीवन से तो खिलबाड़ करते ही हैं। पर आपसे जुड़े लोगो की चिंता आपको देखकर बढ़ती चली जाती है। जो घरेलु हिंसा का भी एक कारन है।
कैसे छुटायें और तम्बाकू और सिगरेट से छुटकारा पाएं :-
तम्बाकू की लत से छुटकारा पाने के कई उपाये हैं। पर इससे पहले आपको अपने अंदर छोड़ने का एक संकल्प लेना पड़ेगा। आपको अपने परिबार की खुशियों को याद करना पड़ेगा। आपको जीने और बढ़ने की रौशनी अपने अन्दर जगाना होगा। जिससे आपको तम्बाकू छोड़ना आसान होगा। सबसे पहले आप तम्बाकू को अपने पास न रखें और उनके पास जाकर न बैठे जो इसक सेबन करतें हैं।
जब भी तम्बाकू की याद आये खजूर, इलायची, मिश्री,बादाम के छोटे छोटे टुकड़े अपने पास रखें और उनको लम्बे समय तक मुँह में खुमाते रहें।
जब भी तम्बाकू खाने या सिगरेट पिने की इक्छा हो तो एक गिलास ठंडा पानी पियें। यदि इन प्रयासों से ठीक नहीं लगता तो अपने पास स्थित नशा मुक्ति केंद्र या पुनरबास केंद्र से संपर्क करें। यहां ७ से २१ दिन के कोर्स से आपको नशा से छुटकारा मिल जायेगा बे दबा के माध्यम से योग के द्बारा मार्गदर्शन देकर आपके नशा से मुक्ति दिला देंगे।
आपको अपने परिवार के साथं ज्यादा टाइम निकलना चाहिए जिससे आपको अगर याद आये भी तो परिवार के सदस्य आपका सहयोग कर सकें आपको अछि बातों से आपका मन ठीक कर सकें।
परिवार के लिए CAGE फेमली थेरेपि:-
C :- CARE AND CUTDOWN परिवार सही देखभाल करें, साथं ही उन्हें प्रेरित करें जिससे ब्यक्ति को तम्बाकू छोड़ने में मदद मिले।
A:- ALERT AND AVOID ANNOYANCES : ध्यान रखें की तम्बाकू या उससे बना कोई उत्पाद घर में उनकी पोहोच में न आने पाए।
G:- GREET AND GUARD: स्मोकिंग करने बाले ब्यक्ति को इस बात का अहसास दिलाएं की कैसे यह घर में मौजूद बच्चों के स्बास्थ के लिए हानिकारक है।
E:- EYE OPENING AND ALTERNATIVES: जब भी कभी स्मोकिंग करने की इकच्छ।हो तो सोप या बादाम खाने के लिए दें।
अब आप समझ ही गए होंगे की कैसे ये हमारे स्वस्थ पर असर डालता है। हमारे आस-पास रहने बाले बच्चे और गर्भबति स्त्री को ये नुक्सान पहुंचाते हैं। हम अपने साथं-साथं अपने परिवार बालों को भी परेशानी में डाल देते हैं। जितनी जल्दी हो आप अपनी इस बुरी आदत से दूर रहें। अपना भी और अपने परिवार का भी हेल्थ चेकप करतें रहें। जिनको इसकी आदत नहीं होती वो लोग बस ट्रेन ,रेलवे ,बसस्टॉप मंदिर आदि हर जगह आपके धुएं से परेशांन होते हैं। जिसके कारण आपको लोग बुरी नजरों से भी देखते हैं और कई तो उसी समय आपको टोंक भी देते है जिससे आपको ही शर्मिंदगी महसूस होती है। अब तो भारत सरकार ने भी कई जगह बेन लगा दिया है जिसके कारण आपको हर्जाना भी भुगतना पड़ता है. तो आप अपने और अपने परिवार का खयार रखते हुए अपनों के साथं के साथं आसानी से इस बुरी आदत को आसानी से छोड़ सकते है.
तम्बाकू के सेवन से आपको मन की शांति तो मिलती है परन्तु इससे आपका जीवन खतरे में भी पड़ जाता है। क्या आप जानते हैं की तम्बाकू से गले और मुँह का कैंसर होता है। आपका पूरा चेहरा ख़राब हो जाता है। जीवन जीना मुश्किल हो जाता है. और एक दिन हम मोत को गले लगा लेते हैं। तम्बाकू को ज्यादा देर तक गाल के पास मुँह में रखना कैंसर जैसी बीमारी को गले लगाने के कारन है। इसमें आपका नुक्सान ज्यादा है और फायदा कुछ नहीं। मुँह का कैंसर गले का कैंसर तम्बाकू होता है। जो धीरे-धीरे पुरे शरीर में फेल जाता है। कुछ लोग कहते हैं की में पौष्टिक भोजन करता हूँ मुझे कैंसर नहीं हो सकता। ,या में तो कभी कभी सेवन करता हूँ मुझे कैंसर छू भी नहीं सकता। इस तरह का भ्रम लोगो के अंदर होता है और बीमारी होने का पता नहीं चलता और देर हो जाती है।
चौकाने बाली रिपोट
ग्लोबल एडल्ट टोबेको सर्वे ऑफ़ इण्डिया के अनुसार घरों में सबसे अधिक ५२% युबा दूसरों द्वारा छोड़े गए धुंए का शिकार होते हैं। जिसे हम सेकेंडरी या पेसिब स्मोकिंग कहते हैं। शोध कर्ताओं को ये भी पता चला है की जिन घरों में बच्चों की मौजूदगी में धुर्मपान होता है। उन बच्चों में कान में संक्रमण, अस्थमा , निमोनिया आदि रोग पाए जाते हैं।
ये बच्चे दूसरे बच्चों की तुलना में ज्यादा बीमार। और कमजोर होते हैं।
उनके बजन में कमी पाई जाती है। उनका शरीर और मानशिक बिकास कम होता है।
गर्भबती स्त्री के समय बच्चे का बजन कम होता है। और समय से पहले बच्चे का हो जाना।
कुछ मामलों में तो शिशु की मोत भी हो जाती है।
जीवन अनमोल है इसे सुरक्षित रखिये अपना और अपने परिवार का ख्याल रखिये। अपनों का साथं मुश्किल से मिलता है। उनके पास रहने के लिए सुरक्षित रहिये।
आपको अगर ये पोस्ट पढ़कर ख़ुशी हुई हो और आपको स्मोकिंग की लत से छुटकारा मिल जाये तो आप कमेंट्स बॉक्स में जाकर कमेंट्स कर सकते है। आपका जीवन बहुमूलीय है इसे समझे और स्मोकिंग तम्बाकू का सेबन करना छोड़ें। एक नई पोस्ट के साथं फिर मुलाकात होगी तबतक के लिए नमस्कार।
प्रतिमा त्यागी
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Thanku..
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